हाथ और पैर हमारी कुंडली की तरह होते हैं. इनमें पाए जाने वाले चिह्न कई प्रकार के योग दर्शाते हैं. हाथ या पैरों में बनने वाले चिह्न दो तरह के होते हैं. एक जो हमेशा रहते हैं और दूसरा जो एक निश्चित समय तक ही नजर आते हैं. जो चिह्न हमेशा इंसान के शरीर पर रहते हैं, वो उस व्यक्ति की तमाम खासियतें बताते हैं. इन चिह्नों की एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इनका स्वतंत्र होना जरूरी है.
कैसे दिखते हैं ये चिह्न?
वर्ग- आमतौर पर वर्ग हथेली की रेखाओं और पर्वतों पर पाए जाते हैं. यह जहां पर भी हों सुरक्षा ही प्रदान करती हैं, लेकिन शुक्र पर होने पर जेल यात्रा का कारण बनते हैं.
त्रिभुज- त्रिभुज का चिह्न भी हथेली पर कहीं भी पाया जा सकता है. लेकिन यह जिस पर्वत पर भी पाया जाता है, उसके प्रभाव को बढ़ा देता है. स्पष्ट और नियमित त्रिभुजों का हमेशा शुभ प्रभाव होता है.
तारा- तारा हाथ या पैर पर जहां भी हो उस स्थान को नुकसान ही पहुंचाता है. लेकिन सूर्य के पर्वत पर अतीव यश देता है. सूर्य के पर्वत पर तारा जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने का संकेत देता है.
वलय- यह निशान हथेली के जिस भी भाग पर होता है, वहां का शुभ प्रभाव रोक देत है. सूर्य पर इसका होना सबसे बुरा माना जाता है. जबकि बृहस्पति पर यह शुभ परिणाम देता है.
तिल- तिल सिर्फ हथेली के बीचों बीच ही अच्छा माना जाता है. हथेली पर अन्य जगह तिल का होना अच्छा नहीं होता है. अगर यह तलवे पर हो तो इंसान को सारी उम्र खूब दौड़-भाग करनी पड़ती है.
शंख- अंगुलियों के पोरों पर शंख पाए जाते हैं. यह विद्वता और ज्ञान का चिह्न माना जाता है. शंख का चिह्न बहुत मंगलकारी माना जाता है. जिन जातकों की हथेलियों पर शंख का निशान बनता है, ऐसे लोगों पर मां लक्ष्मी और विष्णुजी हमेशा मेहरबान रहते हैं.
चक्र- यह भी अंगुलियों के पोरों पर पाए जाते हैं. यह निशान धन, संपत्ति का संकेत देते हैं. यह चिह्न जातक के जीवन में सुख-सौभाग्य का संकेत देता है. जिस व्यक्ति के हाथ पर चक्र का निशान होता है, वह अपार धन-संपदा का सुख भोगता है.