भोपाल
वन्य प्राणियों और जंगल को संरक्षित करने और वन मुख्यालय और वनकर्मियों के बीच बेहतर मैनेजमेंट बनाने के लिए आईटी शाखा ने कैंपा फंड से फारेस्ट गार्डस के लिए ढाई हजार मोबाइल खरीद लिए है। होली से पहले सातों टाइगर रिजर्व क्षेत्र और प्रदेश के महत्वपूर्ण अभ्यारण्यों में फॉरेस्ट गार्ड स्मार्ट फोन के साथ लैस नजर आएंगे।
आईटी शाखा ने गार्डो के लिए सैमसंग कंपनी का स्मार्ट मोबाइल खरीदे है। आईटी शाखा 16 वन मंडलों के हिसाब से फॉरेस्ट गार्डस की सूची तैयार कर रहा है किस- किस वनमंडल में कितने लोगों को स्मार्ट फोन मुहैया कराया जाएगा। आईटी शाखा के एसीसीएफ बीएस अन्नागिरी ने बताया कि शाखा केवल गार्डो को मोबाइल मुहैया कराएगा। नेटवर्क के हिसाब से गार्ड अपने पैसे से सिम खरीदेंगे और समय-समय पर मोबाइल को रिजार्च कराएंगे। उन्होंने बताया कि स्मार्ट फोन से लैस होने के बाद गार्ड अपने-अपने मोबाइल में वन विभाग से जुड़े एप को डाउनलोड करेंगे और संबंधित क्षेत्र की जानकारी समय-समय पर संबंधित अधिकारियों को मुहैया कराएंगे। मोबाइल सुविधा होने से जंगलों की एक-एक सूचना विभाग के आला अधिकारियोें के पास होगी। जिससे समय रहते हुए जंगल में अवैध कटाई और वन्य प्राणियों के शिकार में काफी गिरावट आएगी।
12 हजार स्मार्ट फोन खरीदे जाएंगे
वन्य प्राणियों और जंगल को सहेजने के लिए वन विभाग पहले से कहीं ज्यादा संवदेनशील हो गया है। वर्ष 2025 में आईटी शाखा 12 हजार स्मार्ट फोन खरीदने का निर्णय लिया है। जिससे सभी फॉरेस्ट गाडर्स के पास स्मार्ट फोन की सुविधा हो। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फॉरेस्ट गाडर्स अपने पास अक्सर साधारण मोबाइल फोन रखते हैं। जिससे महत्वपूर्ण सूचना तत्काल नहीं मिल पाती थी। वन विभाग वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर किसी समझौते के मूड में नहीं है। यही वजह है कि विभाग निचले पायदान के कर्मचारियों को हर तरह की सुविधाओं से लैस करने की दिशा में लगातार प्रयोग कर रहा है। रेंजर्स को बंदूक पुलिस के समान बंदूक चलाने के लिए विभाग पहले ही शासन के पास प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है।