कोंडागांव के राजेश विदेश में निभाएंगे भारतीय राजदूत की जिम्मेदारी

रायपुर

जिंदगी की कठिनाइयों से भाग जाना आसान होता है, जिंदगी में हर पहलू इम्तेहान होता है, डरने वालों को नहीं मिलता कुछ जिंदगी में, लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है। ये लाइन छत्तीसगढ़ के एक पिछड़े इलाके से निकलकर विदेश में भारतीय राजदूत बनने तक का सफर तय करने वाले राजेश उइके पर बिलकुल सटीक बैठती हैं।

कोंडागांव जिले से आने वाले उइके ने असुविधाओं को पार कर सफलता की प्रेरणादायक कहानी लिखी है। 2006 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी उइके की हाल ही में ताजिकिस्तान में भारत के अगले राजदूत के रूप में नियुक्ति हुई है। ताजिकिस्तान के लिए निकलने से पहले उइके ने बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने ताजिकिस्तान में भारत के अगले राजदूत के रूप में आधिकारिक नियुक्ति को चिह्नित करते हुए उइके को क्रेडेंशियल दस्तावेज प्रस्तुत किए।

वर्तमान में, राजेश उइके नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के बाहरी प्रचार एवं सार्वजनिक कूटनीति प्रभाग में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनके राजनयिक करियर में विदेशों में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में विभिन्न भूमिकाएं, साथ ही नई दिल्ली में मंत्रालय के भीतर विभिन्न जिम्मेदारियां शामिल हैं। उइके अपने स्कूल के दिनों से ही काफी प्रतिभावान रहे हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कोंडागांव और सुकमा जिले में पूरी की। उन्होंने एनसीईआरटी की राष्ट्रीय प्रतिभा खोज मेरिट छात्रवृत्ति प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने हाई स्कूल और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर गणित प्रतिभा खोज परीक्षा में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक भी प्राप्त किए।

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