भोपाल
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि स्कूल की परीक्षा के समय आम तौर पर विद्यार्थी तनाव महसूस करते हैं। इस तनाव को बेहतर समय प्रबंधन के साथ परीक्षा की तैयारी सहजता से नियमित रूप से करें, तो इसको काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने विद्यालय के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन का सजीव प्रसारण सुना। इस मौके पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
शिक्षक और अभिभावक मिलकर काम करें
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों की समस्या को समझा और पिछले 6 वर्षों से इस विषय पर लगातार संवाद किया। अब इसके बेहतर परिणाम भी सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक और अभिभावक मिलकर छात्रों से संवाद करें, तो इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से दबाव से बाहर आने की क्षमता विकसित करने पर भी जोर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षा अंतिम अवसर नहीं हुआ करती है। कारणवश यदि असफल हो भी जाएं, तो निरंतर प्रयास के अभ्यास को नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरविद्यार्थी को पढ़ाई के साथ अपनी रूचि के साथ भी जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने इस दौरान व्यायाम, संतुलित आहार के साथ जीवनचर्या पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। कार्यक्रम के प्रारंभ में आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया।
प्रधानमंत्री का उद्बोधन
परीक्षा पे चर्चा संस्करण 7 में नई दिल्ली के भारत मण्डपम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने बच्चों के सवालों को सुना और उनका जवाब दिया। मोदी ने कहा कि शिक्षक का काम केवल जॉब करना नहीं है, बल्कि जिंदगी सवारने का है। इस वजह से यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम उन्होंने विद्यार्थियों से तकनीक के उपयोग के साथ-साथ लिखने का अभ्यास निरंतर करने को भी कहा।
भोपाल के बच्चों की रही भागीदारी
नई दिल्ली में हुए परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भोपाल उत्कृष्ट विद्यालय की छात्रा वंशिका महेश्वरी, छात्र तीर्थ सोनी और शिक्षिका सुयोगिता नायक शामिल हुई।