विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू

उज्जैन
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। केएसएस के कर्मचारियों ने शिखर की सफाई की। एक दो दिन में रंगाई पुताई की शुरुआत होगी। ब्रास पालिश से नंदी व गणेश मंडपम में लगी पीतल की रेलिंग को चमकाया जाएगा। कृष्णा सिक्युरिटी सर्विसेस के मैनेजर जितेंद्र चावरे ने बताया महाशिवरात्रि पर पूरे मंदिर की सफाई व रंगरोगन किया जाता है। मंदिर के शिखर पर प्रतिदिन सैकड़ों पक्षी बैठते हैं। इनकी बीट के कारण शिखर पर पीपल के पौधे पनप जाते हैं। बुधवार को 10 से अधिक कर्मचारियों ने शिखर के अग्रभाग की साफ सफाई कर धुलाई की। गुरुवार को पिछले हिस्से का काम शुरू होगा। साफ सफाई के बाद शिखर की पुताई की जाएगी। इसके बाद सभा मंडप, नंदी, गणेश व कार्तिकेय मंडपम में साफ सफाई व पुताई होगी।

रजत मंडित दीवार व रूद्रयंत्र की सफाई होगी
शिखर की सफाई के बाद गर्भगृह की रजत मंडित दीवार तथा रूद्रयंत्र की सफाई की जाएगी। मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरती में प्रज्वलित किए जाने वाले दीपक, कपूर आदि के धुएं से रूद्रयंत्र व चांदी की दीवार पर कार्बन जम जाता है। इससे चांदी की चमक कम होने लगती है। इसलिए साल में दो बार महाशिवरात्रि व दीपावली पर हर्बल केमिकल से चांदी की सफाई कराई जाती है।

जलीय जीवों को शिप्रा में विस्थापित करेंगे
उज्जैन में महाशिवरात्रि पर कोटितीर्थ कुंड की सफाई की जाएगी। मत्स्य विभाग कोटितीर्थ कुंड की जलीय जीवों को शिप्रा में विस्थापित करेगा। इसके बाद कुंड के पानी को खाली किया जाएगा। साफ सफाई के बाद कुंड की सीढ़ियों पर चूने की पुताई की जाएगी। बताया जाता है इससे पानी में आक्सीजन की कमी नहीं होती है और जलीय जीव सुरक्षित रहते हैं।

29 फरवरी से शिवनवरात्र का आरंभ
महाकाल मंदिर में 29 फरवरी से शिवनवरात्र का आरंभ होगा। पुजारी भगवान महाकाल का दूल्हा रूप में शृंगार करेंगे। 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के शीश सवामन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। 9 मार्च को साल में एक बार दोपहर 12 बजे दिन में भस्म आरती होगी। महापर्व पर मंदिर में आकर्षक विद्युत व पुष्प सज्जा भी होगी।

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