दान्या चौधरी के नेतृत्व में ईकोसेवियर्स संस्था ने दिल्ली में सफल अभियान की तर्ज पर सतना में भी की शुरूआत
सतना
ईकोसेवियर्स संस्था द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में चलाए गए अभियान की तर्ज पर सतना में भी पर्यावरण संरक्षण का अभियान शुरू किया गया। संस्था लोगों को जागरूक कर रही है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनके विकास को बनाए रखना भी हम सब का जिम्मा है। संस्था ने दिल्ली में पेड़ के चारो तरफ किए गए कंक्रीटीकरण को हटवाने के लिए अभियान चलाया था। ठीक इसी प्रकार का अभियान सतना में भी चलाया जा रहा है। ईकोसेवियर्स संस्था का मानना है कि पेड़ के चारो ओर कंक्रीट लगाने से परिसर को सुंदर तो बनाया जा सकता है, लेकिन इस कदम से पौधे के विकास में बाधा पहुंचती है। पौधे को मिट्टी से जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, चारो तरफ कंक्रीट कर देने से जड़ों का विकास नहीं हो पाता। इसके अलावा पौधा एक समय बाद सूखने लगता है।
संस्था की लीड मेंबर दान्या चौधरी के नेतृत्व में ईकोसेवियर्स के स्वयंसेवकों की टीम द्वारा सतना नगर पालिका क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया गया। इकोसेवियर्स ने हमारे आसपास कंक्रीटीकरण के दुष्प्रभावों के बारे में सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में विशेष सत्र और जागरूकता अभियान आयोजित किए हैं। उन्होंने छात्रों को पेड़ों के पास इस तरह के ठोसकरण की पहचान करने, रिपोर्ट करने और रोकने के लिए प्रोत्साहित किया। सतना में नगर पालिका ने किसी भी नागरिक या निर्माण कार्य के दौरान पेड़ों के चारों ओर एक मीटर के दायरे की जगह छोडऩे के लिए माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने के लिए जारी किए गए निर्देशों के संबंध में इकोसेवियर्स द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व पर भी ध्यान दिया है। लोगों को प्रोत्साहित किया गया है कि वह खुद कार्य करें और सतना में नगर पालिका द्वारा जारी की जाने वाली सभी निविदाओं में दायित्व शामिल करने का आग्रह भी किया है। ईको सेवियर्स संस्था के महत्वपूर्ण काम में दान्या चौधरी वसंत वैली स्कूल, आर्यन मागो द श्रीराम स्कूल मौलसारी, अयान मागो द श्रीराम स्कूल बसंत विहार, फतेह जहान सिंह धालीवाल द श्रीराम स्कूल मौलसारी, सान्वी सहगल पाथवेज स्कूल गुडग़ांव,आर्यवीर, रुद्रवीर वसंत वैली स्कूल नई दिल्ली, आद्या शुक्ला, मेधांश शुक्ला, दिव्य ज्योति सिंह क्राइस्ट ज्योति स्कूल सतना समेत सतना में उनके सहयोगी स्वयं सेवकों का भी उल्लेखनीय योगदान रहा है।