बुलंदशहर
मेहनत और लगन हो तो मंजिलें दूर नहीं होती. बुलंदशहर के पवन कुमार ने यही कर दिखाया. तमाम सुविधाओं की कमी के बावजूद पवन कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 पास की है. यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके उन्होंने बुलंदशहर जनपद के नाम के साथ-साथ अपने परिवार गांव का नाम रोशन किया है. पवन का घर कच्चा है, बल्ली के सहारे तिरपाल की छत टंगी है, उसी के नीचे घास काटने की मशीन और पशु भी बंधे हैं. बावजूद इसके आज पूरे प्रदेश में पवन कुमार की कामयाबी का डंका बज रहा है, वह युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं.
आज भी जंगल से लकड़ी लाकर जलता है घर का चूल्हा
पवन कुमार के घर में बिजली कनेक्शन तो है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति का आभाव है. घर मे अन्य कोई सुख-सुविधा आधुनिक नहीं है. छत भी तिरपाल और पॉलिथीन की है. आज भी पवन की मां और बहन जंगल से लकड़ी लाकर चूल्हे पर रोटी और सब्जी बना रही हैं. हालांकि उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन घर में है लेकिन परिवार को गैस सिलेंडर भरवाने के लिए पैसा जुटाने में मुश्किल होती है. इसलिए लकड़ियों और उपलों से चूल्हा जलता है.
परिवार ने मजदूरी कर जोड़े थे सेकेंड हैंड मोबाइल फोन के पैसे
उनके पिता कहते हैं कि पवन को एंड्राइड मोबाइल फोन की जरूरत थी तो सभी ने घर में मजदूरी करके उसके लिए पैसे इकट्ठे करें तब जाकर एक साल पहले 3200 रुपये का सेकेंडहैंड मोबाइल दिलाया था. पिता मुकेश कुमार गांव में एक किसान है, मां सुमन गृहणी हैं. पवन की तीन बहने हैं- सबसे बड़ी बहन गोल्डी बी.ए की परीक्षा के बाद एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है, दूसरी बहन सृष्टि जो वर्तमान में बी.ए. की परीक्षा दे रही है और सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12वीं की पढ़ाई कर रही है.
जानें 24 वर्षीय पवन ने कैसे-कैसे की पढ़ाई
पवन के पिता बताते हैं कक्षा एक से कक्षा 8 तक पवन ने अपने ननिहाल रूपवास पचगाई जनपद के गांव से शिक्षा हासिल की, लेकिन वह पढ़ाई के दौरान भी लागातार घर आता रहता था. 9वीं से 12वीं की पढ़ाई जनपद के गांव बुकलाना स्थित नवोदय विद्यालय में एजुकेशन प्राप्त की और उसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जियोग्राफी पॉलिटिकल में किया. इसके बाद मुखर्जी नगर स्थित एक निजी कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली. अभी पवन की उम्र लगभग 24 वर्ष है.
यूपीएससी में पाई 239वीं रैंक
विकासखंड क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी मुकेश कुमार के बेटे पवन कुमार ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2023 के घोषित परिणाम में 239वीं रैंक पाई है. बेटे की कामयाबी पर परिवार में जश्न का माहौल है. माता-पिता समेत पूरे परिवार का कहना है कि उन्हें पवन कुमार पर गर्व है, जिसने परिवार के साथ अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है.
सेल्फ स्टडी के बल पर पाया मुकाम
पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी. इसके बाद इलाहाबाद से बी.ए की परीक्षा पास की थी. बाद में दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी. कुछ विषयों की कोचिंग ली और वेबसाइट की मदद ली. दो वर्ष कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने अपने रूम पर रहकर सेल्फ स्टडी की. पवन के पिता मुकेश कुमार का कहना है कि तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है. इस कामयाबी में उन्हें माता-पिता व भाई का भरपूर सहयोग मिला. पिता का कहना है कि उन्हें बेटे की कामयाबी पर बड़ा अच्छा लग रहा है. मां सुमन खुशी से फूले नहीं समा रही है. मंगलवार उनके घर पर पवन कुमार को बधाई देने व मिठाई खिलाने वालों का देर रात तक सिलसिला चलता रहा.
हमारा छप्पर ही हमारी कोठी है: पवन का परिवार
किसान पिता का कहना है कि सभी परिवार वालों ने मिलकर मेहनत मजदूरी कर उसे पैसे देते थे ताकि वह अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर लगा सके. छप्पर वाला मकान है, पर हमारा महल भी यही है, हमारी कोठी भी यही है. दो बूंद ऊपर से पड़ती है तो सब नीचे ही आती हैं, सिलेंडर भरवाने के लिए ₹1000 नहीं है, बच्चों की पढ़ाई के कारण अभी भी चूल्हा जल रहा है. हम सभी को बहुत खुशी है, पूरे गांव को खुशी है, कि उसने बड़ी मेहनत से पढ़ाई की है और इसी छप्पर में रहकर पढ़ाई की है.