राष्ट्रपति बनने के लिए मोहम्मद मुइज्जू के लिए पहली अग्निपरीक्षा है, संसदीय चुनाव आज

माले
मालदीव में आज संसदीय चुनाव के लिए मतदान किया जाना है। राष्ट्रपति बनने के लिए मोहम्मद मुइज्जू के लिए पहली अग्निपरीक्षा है। हालांकि उनके आलोचक और चुनावी पंडित उनकी पार्टी की हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं।  मुइज्जू के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत भारत के खिलाफ अभियानों को लेकर देश में गुस्सा है। मालदीव में जनता ही नहीं भारत में भी लोग उम्मीद कर रहे हैं संसदीय चुनाव में मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी – मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) आसानी से बहुमत हासिल करेगी। दरअसल, मालदीव में संसदीय चुनाव से ठीक पहले, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में ऐक्शन शुरू हो गया है। 2018 से किए गए कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्षी दलों ने मामले की जांच और उन पर महाभियोग की मांग शुरू कर दी है। हालांकि राष्ट्रपति मुइज्जू खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर रहे हैं।
 

मतदान से पहले मुइज्जू की हार की भविष्यवाणी
मतदान से पहले, देशभर में चुनावी पंडित मुइज्जू की हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं। उनके खिलाफ जनता में जबरदस्त आक्रोश है। राष्ट्पति बनने के बाद ही भारत को लेकर उनके रुख और भारतीय सेना की वापसी को लेकर वह पहले ही निशाने पर हैं। भारत विरोधी रुख के चलते मालदीव को पर्यटन में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। मालदीव में आधे से अधिक पर्यटक भारतीय राज्यों से आते हैं लेकिन, पीएम मोदी को लेकर की गई बयानबाजी और फिर सेना की वापसी ने भारतीयों का मालदीव से मोहभंग कर दिया है। नतीजन मालदीव में पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। स्वरोजगार छिन जाने से मालदीव की जनता में राष्ट्रपति के प्रति आक्रोश है।

भ्रष्टाचार पर घिरे मुइज्जू
समाचार पोर्टल मालदीव रिपब्लिक के अनुसार 2018 के भ्रष्टाचार मामले में मुइज्जू के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इन रिपोर्ट में राष्ट्रपति मुइज्जू के निजी बैंक खाते में धन अंतरण में अनियमितताओं का दावा किया गया है। रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार के 10 महत्वपूर्ण संकेतकों को रेखांकित किया गया है। समाचार पोर्टल ने कहा कि इन संकेतकों से राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के साथ संलिप्तता, गबन, रकम के लेनदेन को छिपाने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं के उपयोग आदि का पता लगता है। इन आरोपों से देश में राजनीतिक तूफान पैदा हो गया है और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर रिए्क्शन आ रहे हैं। मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स नेशनल फ्रंट ने पूरे मामले की जांच की मांग की है। पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद जमील अहमद ने लीक हुई खुफिया रिपोर्ट के बाद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की मांग की।

पांच महीने में फेल रही मुइज्जू सरकार
उधर, एमडीपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि उनकी पार्टी जीत को लेकर आशावादी है क्योंकि मुइज़ू सरकार पिछले पांच महीनों में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रही है और मालदीव के लोग भी लोकतांत्रिक मूल्यों में गिरावट देख रहे हैं। शाहिद ने कहा कि मुइज्जू "झूठ और नफरत फैलाकर" चुनाव जीते और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों में कर्मचारियों को धमकाना जैसे काम किए जा रहे हैंहै। विपक्ष के हजारों लोगों को निलंबन और नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी गई है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button