सिंहस्थ के मद्देनजर उज्जैन में नया शासकीय मेडिकल कॉलेज बनेगा

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। सिंहस्थ के दृष्टिगत उज्जैन में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु केवल सिविल कार्यों के लिये 592.30 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रि-परिषद ने किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिये रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस भुगतान की भी स्वीकृति प्रदान की। इस पर 3850 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आएगा। विभागाध्यक्ष कार्यालय संचालक, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व एवं संचालक, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना सतपुड़ा भवन को वर्तमान में पदस्थ अमले सहित उज्जैन स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में समर्थन मूल्य विकेन्द्रीकृत योजना के अंतर्गत खाद्यान्न के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली व अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन एवं डेफिसिट पूर्ति के लिये आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 (एक वर्ष) तक की अवधि के लिये 29 हजार 400 करोड़ रूपये की निशुल्क शासकीय प्रत्याभूति (गारंटी) की स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रि-परिषद की बैठक में उज्जैन में सिंहस्थ 2028 आयोजन के दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिये सिविल कार्यों के लिये 592.30 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। इसके लिये आवश्यक उपकरणों एवं मानव संसाधनों की स्वीकृति बाद में दी जाएगी। चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण से आस-पास के जिलों की जनता को भी उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश के लोकायुक्त के पद पर न्यायमूर्ति श्री सतेन्द्र कुमार सिंह की नियुक्ति का अनुसमर्थन किया। सायबर तहसील की क्षेत्रीय आधिकारिता प्रदेश के सभी जिलों में विस्तारित करने का अनुसमर्थन करते हुए स्वीकृति दी गई। एनडीबी योजना में भोपाल के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर मार्ग (कोलार मार्ग 15.1 किमी) के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन के लिये 305.08 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

उर्वरक अग्रिम भंडारण योजना स्वीकृत

राज्य में यूरिया, डीएपी, कॉम्प्लेक्स एवं पोटाश उर्वरकों की वर्ष 2024-25 से 2026-27 तक की अग्रिम भंडारण योजना स्वीकृत की गई। इससे प्रदेश के किसानो को रासायनिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) को इसके लिये नोडल एजेंसी बनाया गया है। वर्ष 2024-25 में मार्कफेड को 850 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति स्वीकृत की गई।

चार नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों के लिये 1200 करोड़ रूपये स्वीकृत

मंत्रि-परिषद ने नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली के नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन एवं उपकरण क्रय के लिये 1167.95 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। नीमच के लिये 287.45 करोड़ श्योपुर के लिये 288.5 करोड़, सिंगरौली के लिये 289.74 करोड़ एवं मंदसौर के लिये 302.26 करोड़ रूपये की स्वीकृती दी गई है।

केन्द्र प्रवर्तित योजना में मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज भी बनेंगे

केन्द्र प्रवर्तित योजना में मेडिकल कॉलेजों के साथ नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिये मंत्रि-परिषद ने 192.40 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश के 13 जिलों दतिया, खंडवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, सतना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में नर्सिंग कॉलेज बनेंगे। प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज के लिये 14.80 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है। इससे इन जिलों एवं आस-पास के सभी नागरिको को चिकित्सा सुविधा का लाभ एवं छात्र-छात्राओं को सुगमतापूर्वक नर्सिंग संवर्ग की शिक्षा मिल सकेगी।

सभी जिला चिकित्सालयों में नि:शुल्क शव वाहन संचालन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में नि:शुल्क शव वाहन संचालन की स्वीकृति प्रदान की है। शासकीय अस्पतालों में उपचार के दौरान संस्थागत मृत्यु, सड़क दुर्घटना/आपदा में मृत्यु पर मृतक की पार्थिव देह को ससम्मान नि:शुल्क शव वाहन से गंतव्य स्थल तक पहुँचाया जायेगा। शव वाहन संचालन का दायित्व लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास होगा। अभी यह दायित्व नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पास है।

पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा योजना

बैठक में पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके संचालन एवं क्रियान्वयन का दायित्व लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास रहेगा। यह सेवा प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने या विशेष प्रकार के चिकित्सा सुविधा या चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता होने पर उपलब्ध रहेगी। इसमें कठिन भौगोलिक परिस्थिति में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुँचकर उन्नत आपातकालीन चिकित्सा द्वारा मरीजों की स्थिति को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केन्द्रों तक एयरलिफ्ट किया जाएगा।
 

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