रायपुर
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने शराब घोटाले मामले एकाएक अपनी की कार्रवाई तेज करते हुए जहां भिलाई में दो ठिकाने पर दबिश दी तो दूसरी ओर दो माह पूर्व जेल की सलाखों से बाहर आने वालेआबकारी विभाग के तात्कालीन विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉपोर्रेशन के एमडी अरुण पति त्रिपाठी को बिहार से गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो हजार करोड़ के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस को रद्द किए जाने के बाद राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने कार्रवाई को तेज करते हुए जहां गुरुवार को भिलाई में बंसल व भाटिया के ठिकानों पर दबिश दी तो दूसरी ओर 9 महीने जेल में रहने के बाद फरवरी में हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर जेल की सलाखों से बाहर निकले छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉपोर्रेशन के एमडी रहे अरुण पति त्रिपाठी को आज बिहार से गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो की एक टीम उनके जमानत पर बाहर आने के बाद से लगातार उन्हें सर्विलांस में रखी हुई थी।
इस मामले में जेल से बाहर निकलने के बाद अरुण पति त्रिपाठी की ईओडब्ल्यू की तरफ से की गई यह तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले जेल से बाहर निकलते ही अरविंद सिंह और उसके दूसरे दिन कारोबारी अनवर ढेबर को ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल अरविंद सिंह और अनवर ढेबर ईडी की रिमांड में हैं, जिन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाना है। संभावना है कि ब्यूरो शुक्रवार को त्रिपाठी को भी कोर्ट में पेश करे और फिर तीनों की एक साथ रिमांड हासिल करे।
ईओडब्लू ने एपी त्रिपाठी की गिरफ्तारी ऐसे वक्त पर की है, जब ईडी के केस को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जबकि ईओडब्ल्यू का केस ही ईडी की रिपोर्ट पर बेस था। अब सवाल उठ रहा है कि ईओडब्लू की कार्रवाई के पीछे कौन से बड़े कारण है, जिसमें ब्यूरो की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटी है।