नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगा। ये कथित अनियमितताएं खान के वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहने के दौरान हुई थीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ खान की अर्जी पर सुनवाई करने वाली है, जिसमें आप विधायक ने उच्च न्यायालय के 11 मार्च के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने खान को मामले में राहत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने जांच एजेंसियों द्वारा बार-बार जारी किये गए समन की खान द्वारा अवहेलना किये जाने को गलत बताते हुए 11 मार्च को खान को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
यह उल्लेख करते हुए कि ओखला विधायक छह समन के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए, उच्च न्यायालय ने कहा था कि विधायकों को पता होना चाहिए कि कानून की अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई होगी क्योंकि कानून की नजर में सभी नागरिक समान हैं। अदालत ने कहा था, ''विधायक या कोई सार्वजनिक हस्ती देश के कानून से ऊपर नहीं है।''
खान के खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से संबद्ध है। ईडी ने पूर्व में विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी। संघीय एजेंसी ने दावा किया कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से अपराध की आय नकद में अर्जित की और उसे अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया।
ओखला विधायक ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए उनकी अर्जी एक मार्च को निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। हालांकि, ईडी द्वारा हाल में दाखिल किये गए आरोपपत्र में खान को आरोपी के रूप में नामजद नहीं किया गया है।
इसने कहा है कि कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर आरोपियों द्वारा हासिल किये गए अनुचित व्यक्तिगत लाभ से संबंधित मामले में तलाशी ली गई। खान उक्त अवधि के दौरान बोर्ड के अध्यक्ष थे। ईडी ने कहा है कि छापे के दौरान साक्ष्य के रूप में कई आपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धन शोधन के अपराध में खान की संलिप्तता का संकेत देती है।