दूरदर्शन के लोगो का कलर ऑरेंज होने से विवाद पैदा, ममता बनर्जी शॉक्ड, चुनाव आयोग से बोलीं- इसे तुरंत रोको

कोलकाता
पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन के लोगो का कलर ऑरेंज होने से विवाद पैदा हो गया है। विपक्ष ने सवाल उठाते हुए दूरदर्शन का भगवाकरण किए जाने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हैरानी जताते हुए चुनाव आयोग से इसे तुरंत रोकने की अपील की है। दूरदर्शन ने अपने लोगो को हाल ही में रेड से ऑरेंज कलर में बदला है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''जब पूरे देश में चुनाव हो रहे हैं, तो अचानक हमारे दूरदर्शन लोगो का रंग बदलने से और भगवाकरण होने से मैं शॉक्ड हूं। यह बिल्कुल अनैतिक, पूरी तरह से गलत है और राष्ट्रीय पब्लिक ब्रॉडकास्टर के भाजपा-समर्थक पूर्वाग्रह को जोर-शोर से बयां करता है। जब लोग चुनावी मोड में हैं तो भारत का चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता के इस भद्दे, भगवा समर्थक उल्लंघन की अनुमति कैसे दे सकता है? चुनाव आयोग को इसे तुरंत रोकना चाहिए और दूरदर्शन के लोगो के मूल नीले रंग पर वापस जाना चाहिए।''

दूरदर्शन का लोगो का कलर बदले जाने की प्रसार भारती के पूर्व सीईओ और राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने भी आलोचना की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है। इसके पूर्व सीईओ के रूप में, मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं – यह अब प्रसार भारती नहीं है – यह प्रचार भारती है।''

वहीं, साल 2012 से 2014 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी आरोप लगाया कि लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है। 'इंडिया टुडे टीवी' के साथ बातचीत में, मनीष तिवारी ने कहा कि यह सरकार की ओर से भगवाकरण और सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने की एक कोशिश है। यह कदम स्पष्ट रूप से भारत के सार्वजनिक प्रसारक की तटस्थता और विश्वसनीयता को कमजोर करता है।

नए अवतार में दूरदर्शन
दूरदर्शन ने दावा किया कि वह नए अवतार में आ रहा है। पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडी न्यूज ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ''हमारे मूल्य वही हैं, लेकिन अब हम एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी गई। बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। हमारे पास यह कहने का साहस है: गति से अधिक सटीकता, दावों से ज्यादा तथ्य, सनसनीखेज की बजाए सच्चाई, क्योंकि अगर ये डीडी न्यूज पर है तो ये सच है। डीडी न्यूज – भरोसा सच का।''

 

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