नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अमानतुल्ला खान गुरुवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। इस हफ्ते की शुरुआत में सुपीम कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए एजेंसी के सामने पेश होने का आदेश दिया था। रिपोर्टर्स से बात करते हुए 50 साल के नेता ने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए अपने कार्यकाल के दौरान नियमों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से विभिन्न लोगों की भर्ती की। यह भी आरोप लगाया गया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से नकद में अपराध की बड़ी रकम अर्जित की और उसे अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया।
ईडी ने पांच संस्थाओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें अमानतुल्ला खान के तीन कथित सहयोगी, जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी शामिल हैं, जिन्हें केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। बता दें कि आप नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से जुड़ा है। ईडी ने विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी।
कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अमानतुल्ला खान को राहत देने से इनकार कर दिया था। विधायक ने दिल्ली वक्फ की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी अग्रिम जमानत खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने खान को 18 अप्रैल, 2024 को सुबह 11 बजे ईडी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि एक बार यह शर्त पूरी हो जाने पर, वारंट जारी करने का आवेदन वापस ले लिया जाएगा।