कूनो नेशनल पार्क में सफल रहा चीता प्रोजेक्ट, मध्य प्रदेश में हाथी परियोजना भी चलेगी

श्योपुर
देश में मध्य प्रदेश सबसे अनूठा है और कूनो का क्षेत्र अपने आप में सबसे अलग है। यहां चीता पुनर्स्थापना केंद्र शुरू किया गया है और दुनिया में यह सबसे बड़ी सफलता का क्षेत्र भी है। क्योंकि यहां 20 चीते लाए गए थे और वर्तमान में यहां 21 चीता हैं। यह एक बड़ी संभावनाओं का क्षेत्र है। देश में कुल 10 वन्य क्षेत्र को इस संबंध में चिह्नित किया गया था। इनमें से तीन केंद्र मध्य प्रदेश में हैं एक कूनो, दूसरा गांधी सागर और तीसरा नौरादेही इन तीनों जगह पर जल्दी ही अफ्रीका और नामीबिया की टीम जाकर सर्वे भी करेगी और आने वाले समय में इन जगहों पर चीता को बसाया जाएगा। यह बात केंद्रीय वन एपं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कही। मौका था श्योपुर जिला के कूना स्थित सेसईपुरा रेस्ट हाउस पर चीता पुनर्स्थापना समीक्षा बैठक और चीता मित्र सम्मेलन का। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल, कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत, कमिश्नर दीपक सिंह, आईजी सुशांत सक्सेना, कलेक्टर डा. अनुज कुमार रोहतगी, एसपी डा. राय सिंह नरवरिया आदि मौजूद रहे।

कूनो में दो लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा : मुख्यमंत्री
चीता पुनर्स्थापना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए हम प्रदेश की ओर से वसुदेव कुटुंबकम की भावना से काम कर रहे हैं। प्रदेश को इको टूरिज्म का हब बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी और रोजगार उन्मुख अर्थ व्यवस्था को संचालित करेंगे। आने वाले समय में कूनो में ही लगभग दो लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। गांधी सागर अभ्यारण में भी ऐसी गतिविधियों को संचालित करेंगे। प्रदेश में वन आधारित अर्थ व्यवस्था का नया माडल विकसित होगा। केंद्र सरकार के सहयोग से जल, जंगल, जमीन, वन्य प्राणी के संरक्षण के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार उन्मुखी व्यवस्था बनेगी। उन्होंने कहा कि जंगल आधारित अर्थव्यवस्था को संचालित करने के लिए केंद्रीय मंत्री के मार्गदर्शन में काम किया जाएगा। इसके लिए एक अलग से राज्यस्तर पर सेल बनाई जाएगी जो प्रदेश स्तर पर काम करेगी और अपने प्रोजेक्ट बनाकर संबंधित क्षेत्र के इको टूरिज्म वाली जगहों पर लोगों को रोजगार से जोड़ने इसके लिए डेवलपमेंट और अन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित करेंगी। श्योपुर कूनो से इस कार्यक्रम शुभारंभ किया जाएगा।

प्रदेश में चीता की तर्ज पर एलीफेंट प्रोजेक्ट भी चलाया जाएगा : केंद्री मंत्री यादव
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के निवेदन पर केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एलीफेंट प्रोजेक्ट भी चलाया जाएगा और हाथियों से बचाव के लिए स्थानीय लोगों को शिक्षित किया जाएगा। स्थानीय लोगों को गजमित्र बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट एलिफेंट के अंतर्गत केंद्रीय दल मध्य प्रदेश आएगा जो असम और केरल के राज्यों के अनुभवों के साथ यहां के हाथियों के झुंड की व्यवहारों का अध्ययन करेगा और उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा, जिससे हाथियों से संरक्षण और हाथियों के संरक्षण पर काम किया जा सके। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश इको टूरिज्म का केंद्र बिंदु है। जंगलों, अभ्यारण, टाइगर रिजर्व क्षेत्र अन्य जगहों पर की तुलना में सबसे ज्यादा क्षेत्र मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। वन्य क्षेत्र के जुड़ाव से एक सर्किट बनता है। कूनो को इको टूरिज्म का हब बनाया जाएगा और केंद्रीय इको टूरिज्म केंद्र की स्थापना भी की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा
– यहां पर आने वाले समय में 40 हजार से अधिक पर्यटक आने की संभावना है और इन सभी पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार उन्मुख बनाया जाएगा, उनको विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, अच्छा खाना बनाने की ट्रेनिंग, वन गाइड, वर्ड सेंचुरी, फोटोग्राफी आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

– आने वाले पांच सालों में कूनो को अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट मार्केट में स्थापित कर देंगे। यहां की अर्थव्यवस्था लगभग एक हजार करोड़ की होगी और यह पहला ऐसा क्षेत्र होगा जो बिना उद्योगों के एक हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था वाला क्षेत्र बनेगा।

– प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन बिग कैट एलायंस बना है जिसमें 97 देश सहयोग कर रहे हैं, जो बिग कैट को बचाने के लिए आपस में सहयोग कर रहे हैं।

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