भोपाल
प्रदेश में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिये 730 स्कूलों को पीएमस्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें 313 विकासखंडों में 626 और नगरीय निकायों में 104 सरकारी स्कूलों को विकसित किया जा रहा है। यह स्कूल राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हो रहे हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में प्रथम चरण में चयनित 416 विद्यालयों की योजना के लिये 219 करोड़ रूपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी गई है। चयनित इन स्कूलों को ग्रीन स्कूल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। चयनित स्कूल में लैब, लाइब्रेरी, व्यावसायिक शिक्षा, आई.सी.टी. लैब और अटल टिकरिंग लैब भी बनाई जा रही है।
प्रदेश के स्कूलों में आई.सी.टी. का उपयोग
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में आई.सी.टी. लैब की स्थापना को प्राथमिकता दी जा रही है। नई शिक्षा नीति में डिजिटल एजुकेशन को महत्वपूर्ण माना गया है। प्रदेश के 2350 सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्थापित की जा चुकी हैं। लैब में 10 कम्प्यूटर, स्मार्ट टीवी और अन्य आवश्यक उपकरण प्रदाय किये जा रहे हैं। रोबोटिक एवं कोडिंग तकनीक सिखाने के लिये भोपाल जिले के 5 सीएम राइज स्कूलों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। प्रदेश के 104 सरकारी स्कूलों में रोबोटिक लैब स्थापित की जा रही है।
पीएम-श्री स्कूल योजना (PM Shri Schools) पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रुपये होगी। केंद्र की इस योजना से 18 लाख छात्रों को फायदा होगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक प्रखंड स्तर पर कम-से-कम एक आदर्श विद्यालय विकसित करना चाहती है। इसकी निगरानी के लिये पायलट परियोजना के आधार पर ‘पीएम-श्री’ स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी।
रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित और उन्नत किया जाएगा। ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे और इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की हर बात शामिल होगी।' पीएम ने कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने में एक आधुनिक, परिवर्तन लाने वाला तरीका इस्तेमाल किया जाएगा।