अगर आप लॉबस्टर, झींगा, टूना और अन्य समुद्री भोजन के शौकीन हैं, तो अब थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, समुद्री भोजन का नियमित सेवन आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. ब्रिटेन के डार्टमाउथ कॉलेज के वैज्ञानिकों ने पाया है कि बार-बार सीफूड खाने से आप 'फॉरेवर केमिकल्स' या पर-एंड पॉली-फ्लूरोअल्किल सब्सटेंस (PFAS) के संपर्क में आ सकते हैं.
अध्ययन में बताया गया है कि हालांकि पारा और अन्य दूषित तत्वों के लिए सुरक्षित समुद्री भोजन खाने की मात्रा निर्धारित है, लेकिन 'फॉरेवर केमिकल्स' के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन्स मौजूद नहीं हैं. अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता और ब्रिटेन स्थित डार्टमाउथ कॉलेज के गीसेल स्कूल ऑफ मेडिसिन में एपीडेमियोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर मेगन रोमानो ने बताया कि हमारा सुझाव समुद्री भोजन खाना बंद करना नहीं है. समुद्री भोजन प्रोटीन और ओमेगा फैटी एसिड का एक अच्छा सोर्स है. लेकिन यह मनुष्यों में PFAS के संपर्क का भी एक कम आंका गया सोर्स हो सकता है.
किस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे शोधकर्ता?
अध्ययन में लोकप्रिय समुद्री भोजन जैसे कॉड, हैडॉक, लॉबस्टर, सैल्मन, स्कैलप, झींगा और टूना में 26 विभिन्न प्रकार के PFAS का विश्लेषण किया गया. पाया गया कि झींगा और लॉबस्टर में PFAS की मात्रा सबसे अधिक थी. एक्सपोजर एंड हेल्थ जर्नल में प्रकाशित उनके अध्ययन में पाया गया कि झींगा और लॉबस्टर के मांस में कुछ खास PFAS केमिकल क्रमशः औसतन 1.74 और 3.30 नैनोग्राम प्रति ग्राम की मात्रा में मौजूद थे. ये यौगिक धीरे-धीरे टुकड़े होने के लिए जाने जाते हैं और मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण दोनों के लिए एक गंभीर खतरा बनते हैं.
समुद्री भोजन खाने के नुकसान
रोमानो ने आगे कहा कि समुद्री भोजन खाने के जोखिम और लाभों को समझना, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों जैसे संवेदनशील आबादी के लिए आहार संबंधी निर्णय लेने वालों के लिए महत्वपूर्ण है. अध्ययनों ने PFAS के संपर्क को कैंसर, भ्रूण असामान्यता, हाई कोलेस्ट्रॉल, थायराइड, लीवर और प्रजनन संबंधी डिसऑर्डर सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा है. संभावित खतरों के बावजूद, वर्तमान में PFAS के संबंध में सुरक्षित सीफूड खाने की मात्रा के लिए कोई स्थापित दिशानिर्देश नहीं हैं.