भोपाल । प्रदेश के अशोकनगर जिले की तायड़े कालोनी में एक उभरती हुई वूशु खिलाड़ी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 18 वर्षीय शिल्पी नामदेव बीकॉम की छात्रा थी। घटना के वक्त खिलाडी घर पर अकेली थी। उनके पिता की ईसागढ़ रोड पर दुकान है वह सुबह दुकान पर चले गए थे जबकि मां शिक्षिका हैं जो एक गांव में पदस्थ हैं। गुरुवार को वह भी स्कूल गई हुई थीं। शाम को जब माता-पिता घर पर पहुंचे तब उन्होंने मकान की दूसरी मंजिल पर बेटी को फांसी पर लटका देखा। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर जिला अस्पताल पहुंचाया।शुक्रवार की सुबह पीएम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। वूशु कोच ब्रजेश धुरेंटे ने बताया कि शिल्पी नामदेव की खेलों में रुचि थी। शिल्पी की बड़ी बहन सुरभि नामदेव भी वुशू खिलाड़ी रही है। शिल्पी ने राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में वूशु प्रतियोगिता में भाग लिया और आठ पदक जीते थे। शिल्पी का भारतीय खेल अकादमी में भी सिलेक्शन हो गया था। फिलहाल पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित के कारण उसने खेलों से थोड़ी दूरी बना ली थी। 2015-16 में रहीं अकादमी मेंवुशू के प्रशिक्षक बृजेश धुरेंटे ने बताया कि शिल्पी वुशू की बहुत की होनहार खिलाड़ी थी। कम उम्र में उसके खेल को देखते हुए वर्ष 2015-16 में भारतीय खेल अकादमी में सिलेक्शन हो गया था और वहां पर दो साल तक शिल्पी ने प्रशिक्षण भी लिया। लेकिन भविष्य में पढ़ाई के चलते शिल्पी ने वर्ष 2017-18 में खेल से दूरियां कर पढ़ाई में ध्यान लगा लिया था। इस होनहार खिलाड़ी के अचानक इस तरह आत्महत्या करने की वजह फिलहाल परिजनों के साथ लोगों की समझ से परे हैं। वहीं आसपास कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने से आत्महत्या एक पहेली बनकर रह गई है। इस बारे में अशोकनगर टीआई सिटी कोतवाली नरेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।